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देश के लिए कई मौकों पर शानदार प्रदर्शन और दो बार कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली स्टार वेटलिफ्टर डोप टेस्ट में फेल हो गईं।

भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ को शनिवार सुबह एक बहुत बड़ा झटका लगा। देश के लिए कई मौकों पर शानदार प्रदर्शन और दो बार कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली स्टार वेटलिफ्टर डोप टेस्ट में फेल हो गईं। हम बात कर रहे हैं के. संजीता चानू (Khumukcham Sanjita Chanu) की जो डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई हैं। इसके बाद अब चानू को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के समक्ष पेश होकर अपने को साबित करना होगा। अगर उनके ऊपर डोपिंग के आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें चार साल के लिए निलंबित किया जा सकता है और नेशनल गेम्स का सिल्वर मेडल भी लौटाना पड़ सकता है।

आपको बता दें कि संजीता चानू ने 2014 ग्लासगो और 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं के क्रमश: 48 किलोग्राम और 53 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीते थे। उनका नाम भारत के शीर्ष एथलीट्स में शामिल है। वहीं भारत में डोपिंग का ऐसा केस पहली बार नहीं आया है इससे पहले भी कई शीर्ष खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो चुके हैं। संजीता चानू को फिलहाल डोप टेस्ट में फेल होने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है और अब देखना होगा कि कब उनकी NADA के सामने पेशी होती है।

गौरतलब है कि चानू के ऊपर इससे पहले भी डोपिंग के चार्ज लग चुके हैं। 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद उनके ऊपर 2018 में आरोप लगे थे और संघ ने उनके ऊपर बैन भी लगा दिया था। हालांकि 2019 में इसे एक साजिश बताया गया और चानू को इससे मुक्त कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर यह स्टार वेटलिफ्टर नए मामले में फंस गई हैं। संजीता चानू ने पिछले साल नेशनल गेम्स की 49 किलोग्राम प्रतिस्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहते हुए सिल्वर मेडल भी जीता था। अब डोप टेस्ट में उन्हें एक एनाबॉलिक एंड्रोजेनिक एस्टेराइड Drostanolone Metabolite के लिए पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद उनके इस मेडल पर भी खतरा बन गया है। अगर वह दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें मेडल भी लौटाना पड़ सकता है।

चानू के डोप टेस्ट में फेल होने के बाद भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ के अध्यक्ष सहदेव यादव का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि, यह काफी दुखद है कि आपके टॉप खिलाड़ी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इससे युवाओं पर एक बुरा असर पड़ेगा। साथ ही इससे हमारे खेल की छवि भी खराब होगी। हम लगातार कैम्प और टूर्नामेंट के दौरान टेस्ट के लिए सैंपल लेते रहते हैं। फिर भी ऐसा होना एक बड़ा सेटबैक है। बता दें कि चानू इकलौती ऐसी नहीं हैं जिनके ऊपर डोपिंग के चार्ज लगे हैं। उनके साथी वेटलिफ्टर्स वीरजीत कौर, पूरानी श्री और आशीष भी डोप टेस्ट पास नहीं कर पाए।

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