फीफा वर्ल्ड कप में सोमवार रात ब्राजील और साउथ कोरिया के बीच प्री-क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया। इस मैच में खिलाड़ी नेमार की टीम ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से रौंद दिया। इस मैच में मिली हार के बाद फुटबॉल की भाषा में मैनेजर कहे जाने वाले दक्षिण कोरिया के कोच अपनी टीम के प्रदर्शन से काफी निराश नजर आए. पाउलो बेंटो के एक फैसले से पूरी टीम में हड़कंप मच गया। दक्षिण कोरियाई टीम ने 12 साल बाद राउंड ऑफ़ 16 के लिए क्वालीफाई किया। दक्षिण कोरिया 2010 के प्री-क्वार्टर फाइनल में उरुग्वे से 1-2 से हार गया था।
दरअसल, दक्षिण कोरिया के कोच पाउलो बेंटन ब्राजील से मिली हार का बोझ नहीं उठा पाए और उन्होंने फैसला लेते हुए तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मैच में मिली हार का असर मैदान के साथ-साथ टीम के अंदर भी देखने को मिला. साउथ कोरिया के कोच के इस फैसले के बाद टीम पूरी तरह से बिखर गई थी. हालांकि पुर्तगाल के 53 साल के पाउलो बेंटो ने अपने इस फैसले के बारे में कहा कि उन्होंने ऐसा करने का मन पहले ही बना लिया था. साल 2018 में दक्षिण कोरियाई टीम की कमान संभालने वाले पाउलो बेंटो ने कहा कि उन्होंने कतर आने से पहले ही फुटबॉल फेडरेशन को इस बारे में जानकारी दे दी थी. सितंबर महीने में ही उन्होंने टीम छोड़ने का मन बना लिया था.
मैच की बात करें तो दक्षिण कोरिया के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। 12 साल बाद प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचे दक्षिण कोरिया को विश्व कप के दावेदार ब्राजील के हाथों 4-1 से हार का सामना करना पड़ा। मैच के पहले हाफ से ही ब्राजील की टीम ने दक्षिण कोरिया पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी थी। इससे पहले कि दक्षिण कोरियाई टीम कुछ समझ पाती ब्राजील ने पहले हाफ में एक के बाद एक गोल दागे।
दक्षिण कोरिया की ओर से पहले हाफ में कोई भी खिलाड़ी गोल नहीं कर सका। मैच के सातवें मिनट में विन्नी जूनियर ने ब्राजील के लिए पहला गोल दागा। नेमार ने 13वें मिनट में पेनल्टी कार्नर की मदद से टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया। टीम के लिए नेमार के अलावा रिचर्डसन (29वें मिनट) और लुकास पाक्वेटा (36वें मिनट) ने भी गोल किए। पहला गोल दक्षिण कोरिया के लिए मैच के दूसरे हाफ में हुआ। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।