रविवार से शुरू हो रहे फीफा विश्व कप में एक खिलाड़ी जिस पर सबकी निगाहें जरूर होंगी वह हैं क्रिस्टियानो रोनाल्डो. वे पिछले 16 साल से फुटबॉल विश्व कप खेल रहे हैं और इतने ही साल खेल के सबसे बड़े टूर्नामेंट में नाकाम रहे हैं।इसके बावजूद, पुर्तगाल के कप्तान को फुटबॉल की दुनिया के सबसे चतुर और महानतम खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। जाहिर तौर पर अपने करियर में 5 बार साल के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर (बैलन डी’ओर) का खिताब जीत चुके रोनाल्डो का करियर कई उपलब्धियों से भरा रहा है।उनकी उपलब्धियों के किस्से तो सभी ने सुने हैं, लेकिन फुटबॉल विश्व कप में उन्होंने अब तक जो खोया और पाया है, उसकी चर्चा कम ही होती है. आइए एक नजर डालते हैं क्रिस्टियानो रोनाल्डो के फीफा वर्ल्ड कप में अब तक के सफर पर।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपना पहला वर्ल्ड कप 2006 में खेला था। उन्होंने 17 नंबर की जर्सी पहनकर इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। उन्होंने 80वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदलकर ईरान के खिलाफ अपने करियर का पहला विश्व कप गोल किया। इस गोल ने उन्हें 21 साल 132 दिन की उम्र में गोल करने वाला सबसे युवा पुर्तगाली बना दिया। रोनाल्डो ने इस विश्व कप में केवल एक गोल किया।
2010 वर्ल्ड कप तक क्रिस्टियानो रोनाल्डो बैलन डी ओर जीत चुके थे और उन्हें 7 नंबर की जर्सी भी मिल चुकी थी। वह पुर्तगाल के कप्तान भी बन चुके थे। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ सिर्फ एक गोल किया था।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 2018 फीफा वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने स्पेन के खिलाफ पहले मैच में एक के बाद एक लगातार तीन गोल दागे। इसने उन्हें फीफा विश्व कप में हैट्रिक गोल करने वाला सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बना दिया। इसके बाद इस महान फुटबॉलर ने मोरक्को के खिलाफ मैच में भी गोल किया।