भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर नॉकआउट में हारकर बाहर हो गई और उसका दूसरी बार चैंपियन बनने का सपना अधूरा रह गया. लेकिन टीम के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली के लिए ऑस्ट्रेलिया में हुए विश्व कप का आठवां सीजन बेहद यादगार और ऐतिहासिक रहा।34 साल के विराट इस बार के विश्व कप में जब अपने पुराने रंग में लौटे तो उन्होंने भी अपनी खोई हुई लय हासिल कर ली. मेलबर्न में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए पहले मैच से ही उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए और चार अर्धशतक लगाकर इतिहास रच दिया।
विराट ने टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे पहले अपने 1000 रन पूरे किए और महेला जयवर्धने के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बने। यह कोहली का पांचवां टी20 विश्व कप था और अब उनके नाम 25 पारियों में 1141 रन हैं।इस दौरान विराट का जहां औसत 81.50 रहा, वहीं उनका स्ट्राइक रेट 131.30 रहा. विराट के नाम टी20 वर्ल्ड कप में 14 अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड भी है।
वर्ल्ड कप खत्म होने के साथ ही दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने एक नया रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है. वह टी20 वर्ल्ड कप के दो सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए हैं। विराट ने इस साल छह पारियों में 98.66 की औसत और 136.40 की स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा 296 रन बनाए। इस दौरान वे तीन बार नाबाद भी रहे। विराट के लिए यह पहला मौका नहीं है जब वह टूर्नामेंट के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हों। इससे पहले साल 2014 में उन्होंने रिकॉर्ड 319 रन बनाए थे। यह अभी भी किसी भी खिलाड़ी द्वारा एक सीजन में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड है।
आपको बता दें कि कोहली दो बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रह चुके हैं। यह अवॉर्ड उन्हें 2014 और फिर 2016 में मिला था। दो बार यह अवॉर्ड पाने वाले वे इकलौते खिलाड़ी हैं।कोहली ने 2014 में 319 और 2016 में 273 रन बनाए थे।